Chhattisgarh News: राजनांदगांव शहर (Rajanandgaon) के भारतीय सेल प्राधिकरण (SAI) सेंटर में नक्सल प्रभावित और वनांचल क्षेत्र के बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसमें कई ऐसे बच्चे हैं जो अपने गांव में रहते हुए बस तक नहीं देख पाए थे और आज यह बच्चे अपने खेल की बदौलत हवाई जहाज में सफर कर रहे हैं और देश के लिए मेडल भी ला रहे हैं.
सीख रहे हैं बास्केटबॉल की बारीकियां
बास्केटबॉल खेलते हुए अपने जीवन में सुधार ला रहे हैं प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्र धूर वनांचल क्षेत्र के यह बच्चे अपने खेल का जौहर दिखाते हुए भारतीय खेल प्राधिकरण सेंटर राजनांदगांव में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. यह बच्चे इंटरनेशनल और नेशनल बास्केटबॉल मैच में मेडल हासिल कर चुके हैं. इसकी बदौलत केंद्र और राज्य सरकार में कई बच्चे नौकरी कर रहे हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्र धूर वनांचल क्षेत्र के बच्चे भारतीय खेल प्राधिकरण राजनांदगांव सेंटर में बास्केटबॉल की बारीकियां सीख रहे हैं.
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ला रहे हैं देश के लिए मेडल
छत्तीसगढ़ प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्र कहे जाने वाले बस्तर, दंतेवाड़ा, कोड़ागांव, राजनांदगांव, मोहला मानपुर और अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चों को आईटीबीपी और भारतीय खेल प्राधिकरण के सहयोग से यहां बास्केटबॉल की ट्रेनिंग दी जा रही है. जहां आवासीय हॉस्टल में रहकर बच्चे अपने खेल का जौहर दिखा रहे हैं और यह बच्चे अब इतने सक्षम हो गए हैं कि नेशनल और इंटरनेशनल बास्केटबॉल में अपने खेल का जौहर दिखाते हुए देश के लिए मेडल ला रहे हैं.
कई बच्चे ऐसे हैं जो बास्केटबॉल की बदौलत शासकीय नौकरी में अपनी सेवा दे रहे हैं, जिसमें रेलवे सहित राज्य सरकार और अन्य कई संस्थान भी शामिल हैं. यह बच्चे नक्सली प्रभावित क्षेत्र और वनांचल क्षेत्र के रहने वाले हैं. इसमें कई ऐसे बच्चे शामिल है जिन्होंने अभी तक बस और ट्रेन भी नहीं देखी थी. जो अब हवाई जहाज का सफर कर नेशनल और इंटरनेशनल गेम खेलने जा रहे हैं. और बास्केटबॉल खेलते हुए पढ़ाई के साथ-साथ अपने जीवन में सुधार ला रहे हैं.
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