छत्तीसगढ़ में ACB की बड़ी कार्रवाई, नक्शा पास कराने के नाम पर रिश्वत लेते CMO और बाबू रंगे हाथ पकड़े गए

ACB Action in Chhattisgrah: योजना के मुताबिक बुधवार यानी 17 दिसंबर को प्रार्थी को 12 हजार रुपए की तय की गई रिश्वत की रकम के साथ नगर पंचायत कार्यालय बोदरी भेजा गया, जैसे ही बाबू सुरेश सीहोरे ने रिश्वत की रकम स्वीकार की. पहले से आसपास तैनात एसीबी बिलासपुर की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए बाबू और CMO दोनों को मौके पर ही पकड़ लिया.

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ACB Raid in Bilaspur: बिलासपुर जिले के बोदरी नगर पंचायत में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) ने बड़ी कार्रवाई की. इस दौरान एसीबी ने नगर पंचायत की मुख्य नगर अधिकारी (CMO) और उनके बाबू को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया गया. यह कार्रवाई मकान का नक्शा पास कराने के बदले अवैध रूप से पैसे मांगने की शिकायत पर की गई.

जानकारी के मुताबिक सरकंडा, नूतन चौक निवासी वेदराम निर्मलकर ने एसीबी बिलासपुर में शिकायत दर्ज कराई थी. वेदराम ने बताया था कि उसने बोदरी स्थित अपनी जमीन पर मकान निर्माण के लिए नगर पंचायत में नक्शा स्वीकृति का आवेदन दिया था. आवेदन प्रक्रिया के दौरान नगर पंचायत कार्यालय में पदस्थ बाबू द्वारा उनसे निर्धारित शुल्क के अलावा अतिरिक्त राशि की मांग की जा रही थी. आरोप है कि नक्शा पास करने के एवज में पहले 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई थी.

शिकायत के बाद हुआ सत्यापन

शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने मामले की गोपनीय जांच और सत्यापन कराया. जांच के दौरान यह बात सामने आई कि बाबू सुरेश सीहोरे और CMO भारती साहू द्वारा नक्शा पास करने के बदले रिश्वत की मांग की जा रही थी. बातचीत और साक्ष्यों के आधार पर रिश्वत मांगने की पुष्टि होने के बाद एसीबी ने ट्रैप की योजना तैयार की.

17 दिसंबर को हुई ट्रैप की कार्रवाई

योजना के मुताबिक बुधवार यानी 17 दिसंबर को प्रार्थी को 12 हजार रुपए की तय की गई रिश्वत की रकम के साथ नगर पंचायत कार्यालय बोदरी भेजा गया, जैसे ही बाबू सुरेश सीहोरे ने रिश्वत की रकम स्वीकार की. पहले से आसपास तैनात एसीबी बिलासपुर की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए बाबू और CMO दोनों को मौके पर ही पकड़ लिया. इसके बाद रिश्वत की पूरी रकम बरामद कर ली गई.

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कार्यालय में मचा हड़कंप

अचानक हुई इस कार्रवाई से नगर पंचायत कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल बन गया. कर्मचारियों और आम लोगों में घटना को लेकर चर्चा का विषय बना रहा. एसीबी की टीम ने आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया.

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस

एसीबी अधिकारियों के अनुसार आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत कार्रवाई की जा रही है. मामले में आगे की जांच जारी है और अन्य तथ्यों की भी पड़ताल की जा रही है.

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गौरतलब है कि एसीबी द्वारा प्रदेशभर में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है. इस कार्रवाई को प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.

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