Chhattisgarh में रिश्वतखोरों के खिलाफ ACB का एक्शन, ईमान बेचते रंगे हाथ पकड़ाए 3 अधिकारी

ACB Action in Chhattisgarh: राजधानी रायपुर और कोरबा में एंटी करप्शन ब्यूरो ने रिश्वत लेने वाले तीन अधिकारियों पर कार्रवाई की है. ACB की टीम ने संयुक्त निदेशक और दो अन्य अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

ACB Action in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो ने रिश्‍वतखोरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. बुधवार को एसीबी की अधिकारियों ने रिश्‍वत लेते दो अफसरों और एक पटवारी को गिरफ्तार किया है. आरोपियों में संयुक्त संचालक देव कुमार सिंह और राजस्व निरीक्षक अश्वनी राठौर और पटवारी धीरेंद्र लाटा शामिल हैं. एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों को रायपुर और कोरबा की एसीबी टीमों ने गिरफ्तार किया है. रिश्वत की राशि 1 लाख रुपये से अधिक थी. 

विभागीय कार्य निपटाने के लिए 2 लाख की रिश्वत की मांग

ACB ने इंद्रावती भवन में मछली पालन विभाग के संयुक्त संचालक देव कुमार सिंह को 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया. दरअसल, जांजगीर-चांपा के मत्स्य पालन विभाग के कार्यालय में सहायक निदेशक के रूप में कार्यरत नरेंद्र कुमार श्रीवास से संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात देव कुमार सिंह ने विभागीय कार्य को निपटाने के लिए 2 लाख रुपये की रिश्वत मांगी जा रही थी. जिसके बाद नरेंद्र कुमार श्रीवास ने देव कुमार सिंह के खिलाफ ACB में शिकायत दर्ज कराई थी. 

इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए ACB की 10 सदस्यीय टीम ने ग्रामीणों का वेश धारण कर पूरी योजना को अंजाम दिया. 

भूमि सीमांकन कार्य के लिए 15 हजार की मांग

एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि देव कुमार सिंह को नवा रायपुर के इंद्रावती भवन स्थित उनके कार्यालय में एक लाख रुपये लेते हुए पकड़ा गया. वहीं कोरबा जिले के राजस्व निरीक्षक अश्विनी राठौड़ और पटवारी धीरेंद्र लता को भी गिरफ्तार किया गया है. दोनों भूमि सीमांकन कार्य करने के लिए एक व्यक्ति से 15,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी.

एसीबी ने तीन अधिकारियों को किया गिरफ्तार

एसीबी ने बताया कि राठौड़ ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता से रिश्वत की रकम लता को सौंपने के लिए कहा था. दोनों रिश्वत की मांग को घटाकर 13,000 रुपये पर सहमत हुए. उन्हें शिकायतकर्ता से 5,000 रुपये पहले ही मिल चुके थे. वहीं बुधवार को 8000 रुपये की राशि लेते हुए पकड़ा गया था. तीनों अधिकारियों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत गिरफ्तार किया गया है.

Advertisement

ये भी पढ़े: MP में जहां-जहां पड़े थे भगवान श्रीकृष्ण के चरण अब वहां बनेंगे तीर्थ स्थल, मोहन सरकार का बड़ा फैसला

Topics mentioned in this article