Chhattisgarh: मेडिकल कॉलेज के 6 विभागों के एचओडी समेत 3 रेजिडेंट डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा, महकमे में हड़कंप

Chandulal Chandrakar Medical College: संविदा पर सीमित अवधि के लिए सरकारी अस्पताल में तैनात डाक्टरों का आरोप है कि नियमित डॉक्टर के आते ही उन्हें तुरंत हटा दिया जाएगा, जिसकी वजह से वो प्राइवेट प्रैक्टिस बंद करना नहीं चाहते थे, लेकिन नए फरमान से वो निजी प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे, जिससे वो आहत हैं.

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Durg Medical College: भिलाई में स्थित चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के 6 विभागों के एचओडी समेत 3 रेसिडेंट डॉक्टरों नें सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसको लेकर स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. बताया जा रहा है इस्तीफे की मुख्य वजह राज्य सरकार द्वारा डॉक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक है.

दुर्ग जिले के भिलाई में स्थित चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज उस वक्त हड़ंकप में मच गया जब कॉलेज के 6 विभागों और 3 रेजिडेंट डाक्टरों ने एक साथ अपना इस्तीफा सौंप दिया. इस्तीफे की वजह सामने नहीं आई है. माना जा रहा है कि इस्तीफे वजह निजी प्रैक्टिस पर लगी रोक है.


22 अगस्त को छत्तीसगढ़ सरकार ने जारी किया था आदेश 

छत्तीसगढ़ शासन के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के विशेष सचिव ने गत 22 अगस्त 2024 को जारी एक आदेश में साफ़ तौर पर कहा था कि सरकारी मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में कार्यरत चिकित्सकों को निजी या फिर अन्य हॉस्पिटलों में प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे. विशेष सचिव नें राज्य के सभी संभागीय संचालक व आयुक्त चिकित्सा को इस आदेश की कड़ाई से पालन का निर्देश दिए थे और आदेश जारी होते ही डॉक्टरों में हड़कंप मच गया था.

शासकीय चिकित्सकों को ड्यूटी के बाद निजी​​​ प्रैक्टिस की मिली थी छूट

हालांकि विशेष सचिव द्वारा जारी फरमान में शासकीय चिकित्सकों को निजी प्रैक्टिस की छूट दी गई है, लेकिन वो अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद ही निजी​​​ प्रैक्टिस कर सकेंगे, लेकिन बताया जा रहा है कि कुछ डॉक्टर्स जारी आदेश के दायरे से बाहर निकल आए, जिसकी वजह से उनके वेतन में 20 प्रतिशत की कटौती कर दी गई. इस तरह वेतन कटौती से नाराज डॉक्टर्स नें संस्थानों से इस्तीफा देना शुरू कर दिया है.

आरोप है कि सरकारी चिकित्सकों के सामने संविदा डॉक्टरों की नहीं सुनी जाती है. कुछ विभागों के सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर शहर में कम है, इसलिए वो ही घूम-घूम कर सभी जगह सेवा प्रदान करते हैं, ऐसे में यदि उन्हें 1 जगह बांध दिया जाएगा तो बाकी सभी क्षेत्रों में परेशानी हो जाएगी.

इस्तीफा देने वालों में विभिन्न विभागाध्यक्ष सहित 3 रेजिडेंट डॉक्टर शामिल

निजी प्रैक्टिस को लेकर जारी फरमान से आहत होकर भिलाई स्थित चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के कुल 6 विभागों के विभागाध्यक्ष और 3 रेजिडेंट डाक्टरों ने इस्तीफा दे दिया. मिली जानकारी के अनुसार इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों में रेडियो डायग्नोसिस, मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स, सर्जन एनेस्थीसिया के विभागाध्यक्ष सहित 3 रेसिडेंट डॉक्टर शामिल है

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डॉक्टरों ने कहा, संविदा नियुक्त में केवल 1 साल का एग्रीमेंट किया गया

गौरतलब है छत्तीसगढ़ में कुछ ही वर्षों में कई नए मेडिकल कॉलेज खुलने के वजह से डॉक्टरों की कमी हुई, जिसके बाद प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों को सरकारी संस्थानों में रखा गया. चूंकि डॉक्टरों को संविदा नियुक्त में केवल 1 साल का एग्रीमेंट किया गया, इसलिए अवधि खत्म होने के बाद नौकरी रहने का किसी तरह का आश्वासन नहीं मिला.

संविदा पर सीमित अवधि के लिए सरकारी अस्पताल में तैनात डाक्टरों का आरोप है कि नियमित डॉक्टर के आते ही उन्हें तुरंत हटा दिया जाएगा, जिसकी वजह से वो प्राइवेट प्रैक्टिस बंद करना नहीं चाहते थे, लेकिन नए फरमान से वो निजी प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे, जिससे वो आहत हैं.

संविदा पर सरकारी अस्पताल में तैनात कर्मी निजी प्रैक्टिस बंद करना नहीं चाहते

 दरअसर, संविदा पर एक वर्ष की अवधि के लिए सरकारी अस्पताल में तैनात किए गए डाक्टरों का आरोप है कि नियमित डॉक्टर के आते ही संविदा कर्मी को तुरंत हटा दिया जाएगा, जिसके वजह से संविदा डॉक्टर अपना प्राइवेट प्रैक्टिस बंद करना नहीं चाहते थे. उन्होंने कहा कि, ऐसे में नए फरमान से वो निजी प्रैक्टिस नहीं कर पाने से आहत हैं.

प्राइवेट अस्पतालों में सैलरी सरकारी डाक्टरों की तुलना में 2 से 3 गुना ज्यादा है

प्राइवेट प्रैक्टिस करने के नाम पर सरकार ने संविदा डॉक्टरों के 20 प्रतिशत तनख्वाह काट ली है, जिसके बाद भी प्राइवेट अस्पतालों को पंजीयन रद्द करने की धमकी दी जा रही है. प्राइवेट अस्पतालों में सैलरी सरकारी के तुलना में 2 से 3 गुना ज्यादा है. वहीं, NPA काटने के बाद भी डॉक्टरों को प्राइवेट अस्पतालों में प्रैक्टिस नहीं करने दिया जाता है.

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