Year Ender 2025: साल 2025 छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में दर्ज हुआ. यह साल सुरक्षा, विकास, राजनीति और सामाजिक घटनाओं के लिहाज़ से बेहद अहम रहा. उपलब्धियों, चुनौतियों और बदलावों का साल रहा है. अपने पीछे कई यादें भी छोड़कर जा रहा है. आइए जानते हैं छत्तीसगढ़ में साल 2025 में क्या कुछ हुआ...
सुरक्षा और नक्सल मोर्चा
छत्तीसगढ़ में इस बार की सबसे बड़ी उपलब्धि नक्सलवाद पर लगाम लगाने की रही. सालों से लाल आतंक की समस्या से जूझ रहे छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली. बसवाराजू, चलपति, हिड़मा जैसे कई टॉप लीडर एनकाउंटर में मारे गए. जबकि रुपेश सहित कई बड़े नक्सली सरकार के सामने हथियार डालने को मजबूर हो गए. देश का सबसे बड़ा नक्सल सरेंडर भी इसी साल हुआ. नतीजतन अब छत्तीसगढ़ के कई इलाके नक्सलवाद की जंजीरों से मुक्त हो गए. इसे राज्य में शांति और स्थिरता की दिशा में एक निर्णायक कदम माना गया. छत्तीसगढ़ के नक्सल इलाकों में इस साल सबसे ज्यादा कैंप खुले, इलाके नक्सलियों से मुक्त होने लगे और गांवों में विकास पहुंचना शुरू हो गया है.
चुनाव और कैबिनेट विस्तार
साल 2025 में छत्तीसगढ़ की राजनीति पूरी तरह सक्रिय रही. नगरीय निकाय चुनावों में बीजेपी को बढ़त मिली. ऐसे ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में भी देखने को मिला. छत्तीसगढ़ में कैबिनेट का विस्तार हुआ. तीन नए मंत्री छत्तीसगढ़ को मिले. कैबिनेट विस्तार का ये मामला पिढले डेढ़ सालों से अटका हुआ था.
सियासत
इस साल सियासत और भी ज्यादा गरमाई गई. जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को जेल जाना पड़ा. जिससे राज्य की सियासत में तीखी बहस देखने को मिली. कवासी लखमा को शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. वे अब भी जेल में हैं. इनके अलावा भी कई अफसरों पर जांच एजेंसियों ने छत्तीसगढ़ में हुए कथित घोटालों के ेआरोप में शिकंजा कसा. इस साल जांच एजेंसियों की कार्रवाई ने छत्तीसगढ़ की सियासत में हलचल मचाकर रख दिया.
राज्य स्थापना की रजत जयंती
वर्ष 2025 छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की सिल्वर जुबली (रजत जयंती) का साल रहा. रजत जयंती महोत्सव मनाया गया. इस अवसर पर राज्यभर में विविध सांस्कृतिक, सामाजिक और विकासात्मक कार्यक्रम आयोजित किए गए.
19 राष्ट्रीय पुरस्कार छत्तीसगढ़ के नाम
2025 छत्तीसगढ़ के लिए उपलब्धियों का साल साबित हुआ.स्वच्छता, जल संरक्षण, कृषि, स्वास्थ्य, ऊर्जा, हस्तशिल्प और नगरीय विकास जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए राज्य को लगभग 19 राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए. बलौदाबाजार, रायपुर सहित कई जिलों के कलेक्टर राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हुए.
स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) को मंजूरी
राजधानी रायपुर, दुर्ग, भिलाई और नवा रायपुर अटल नगर को मिलाकर ‘स्टेट कैपिटल रीजन' (SCR) के रूप में विकसित करने की घोषणा हुई. इसके तहत 5 करोड़ रुपये के बजट से रायपुर-दुर्ग के बीच मेट्रो रेल सेवा के शुभारंभ की योजना है. छत्तीसगढ़ विधानसभा में राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण विधेयक-2025 पारित हो चुका है.
निवेश और उद्योग विस्तार
राज्य ने बड़ी पूंजी निवेश प्रस्तावों (लाख करोड़ रुपये से भी अधिक) प्राप्त किए, जिससे उद्योगों, डेटा केंद्रों, सेमीकंडक्टर यूनिट और रोजगार के अवसर बढ़े. निवेश, स्टार्ट-अप और नवीन विचारों को प्राथमिकता दी गई.
डीजीपी-आईजी सम्मेलन
छत्तीसगढ़ में पहली बार 60वां अखिल भारतीय डीजी-आईजीपी सम्मेलन नवा रायपुर स्थित आईआईएम परिसर में आयोजित हुआ. सम्मेलन में देश के सभी राज्यों के लगभग 300 से ज्यादा अफसर शामिल हुए. इस हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम में आतंरिक सुरक्षा से जुड़े कई अहम मुद्दों पर मंथन हुआ. इसमें पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी पहुंचे. इनका तीन दिनों तक छत्तीसगढ़ में डेरा रहा. छत्तीसगढ़ के लिए यह सम्मेलन ऐतिहासिक रहा.
दुखद घटनाएं
साल के दौरान कई उपलब्धियां छत्तीसगढ़ के नाम रही वहीं दुखद हादसे भी हुए जिसने छत्तीसगढ़ को झकझोर दिया. बिलासपुर में एक बड़ा रेल हादसा भी हुआ, जिसने पूरे राज्य को झकझोर दिया और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े किए. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ ने अपने एक साहित्कार विनोद शुक्ल को भी खो दिया.