केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार, 23 जुलाई, 2024 को केंद्र सरकार का बजट पेश किया. इस बजट में किसानों, उद्यमियों, युवाओं, महिलाओं के लिए कई बड़ी घोषनाएं की गई है. एक तरफ जहां सरकार के मंत्री इस बजट की जमकर तारीफ कर रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने बजट को निराश करने वाला बताया है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दुनिया में भारत की पहचान बढ़ाने वाला बताया, जबकि केंद्रीय कृषि मंत्री व पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बजट को किसानों के सशक्तिकरण और कृषि के आधुनिकीकरण को समर्पित बजट बताया. हालांकि कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बजट को दिशाहीन सरकार का दृष्टिहीन बजट बताया.
विकसित भारत के संकल्प को साकार करने वाला बजट: CM मोहन यादव
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि यह बजट किसानों, महिलाओं, गरीबों, युवाओं सहित सभी वर्गों के कल्याण व उत्थान पर केंद्रित है. नई टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से 75000 रुपए, मुद्रा ऋण की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने और 30 लाख युवाओं के कौशल विकास के लिए 2 लाख करोड़ के पैकेज करने का निर्णय ऐतिहासिक है. यह बजट विकसित भारत की ध्येय प्राप्ति का आधार बन हर भारतीय की अपेक्षाओं व आकांक्षाओं को पूर्ण करने वाला है.
शिवराज ने कहा- 'कृषि के आधुनिकीकरण को समर्पित'
इधर, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा-किसानों के सशक्तिकरण और कृषि के आधुनिकीकरण को समर्पित बजट है. किसानों को दीर्घकालिक लाभ देने, कृषि को टेक्नॉलॉजी आधारित और केमिकल फ्री बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं. सरकार ने देशभर के 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने आगे लिखा- 'खेती के विविधीकरण और जलवायु के अनुकूल किस्मों के विकास पर जोर देने के लिए बजट में प्रावधान किए गए हैं. जिसके अंतर्गत कृषि की 32 और बागवानी फसलों की 109 नई किस्में जारी की जाएंगी. बजट में दलहन तथा तिलहन के लिए आत्मनिर्भरता के लिए रोडमैप तैयार किया है. केंद्र सरकार की प्राथमिकता किसान का कल्याण तथा कृषि का विकास है.
यह दिशाहीन सरकार का दृष्टिहीन बजट है: कमलनाथ
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार का आज पेश हुआ बजट जनता को कोई बुनियादी राहत देने के बजाय झुनझुना पकड़ाने वाला दिख रहा है. रोज़गार और आयकर छूट के बारे में जो घोषणाएं की गई हैं, वह आंख में धूल झोंकने वाली हैं. इनकम टैक्स स्लैब में जो बदलाव किया गया है, वह नाकाफी है और बढ़ती हुई महंगाई के सामने कुछ भी नहीं है. देश के युवा पक्की नौकरी के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं और बेरोज़गारी का स्तर आसमान पर पहुँच गया है, लेकिन केंद्र सरकार ने स्थायी नौकरी के बारे में कोई बात नहीं की.
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार में ख़ाली पड़े पदों को भरने के बारे में भी वित्त मंत्री ने कोई घोषणा नहीं की. सबसे दुखी करने वाली बात यह है कि अन्नदाता किसानों को लेकर सरकार ने बजट में कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की है. कहां तो 2022 में किसानों की आमदनी दोगुनी की जानी थी और कहां 2024 के बजट में भी किसानों को हाशिये पर रखा गया है. इस बजट से आम जनता को निराशा हुई है.