Bhopal News: हमारे भारत में कठपुतलियों का नाटक काफी सालों से चल रहा है. लोग इन दिनों कठपुतलियों का नाटक बड़े ही मजे से देखते हैं. बता दें, इन दिनों कठपुतलियों के नाटक कुछ राज्यों में बड़े ही जोश के साथ तैयार किए जाते हैं. जिसमें राजस्थान का नाम सबसे पहले आता है. आज भी राजस्थान (Rajasthan) में कठपुतलियों के नाटकों को प्राथमिकता दी जाती है. आज भी राजस्थान में लोग मेहमानों को अपनी संस्कृति से जोड़कर रखे हुए हैं. हाल ही में भोपाल (Bhopal) में जनजातीय संग्रहालय में पुतुल समारोह हुआ. जिसमें 5 दिनों तक कठपुतली द्वारा अलग-अलग तरीके के नाटक दर्शकों को दिखाए गए. जिसमें काबुलीवाला, रामायण, सीता हरण जैसे तमाम नाटक दर्शकों के सामने पेश किए गए.
डायरेक्टर ने क्या कहा?
इस महोत्सव में आए नाटक के डायरेक्टर कप्तान सिंह ने बताया कि मैं काफी सालों से कठपुतली के नाटकों पर काम कर रहा हूं. जिसमें काबुलीवाला, सीता हरण जैसे तमाम नाटक शामिल हैं. आज मैंने भोपाल में जो नाटक पेश किया है, उसमें सीता-हरण नाटक का नाम सबसे पहले शामिल है. हम एक साथ 8- 10 कठपुतली इस्तेमाल करते हैं. हम कठपुतली नाटक संवाद के साथ दर्शकों के सामने पेश करते हैं. जिसको लोग बड़े ही उत्साह के साथ देखना पसंद करते हैं.
दर्शकों के बचपन की यादें ताजा हुईं
इस पुतुल समारोह को देखने के लिए आए दर्शक समरप्रीत ने बताया कि आज मैं अपनी बच्ची और परिवार के साथ शो को देखने के लिए आया हूं. एक समय था जब मैं इन कठपुतली का शो देखता था. लेकिन मुझे पता चला कि भोपाल में यह शो हो रहा है तो मैं अपने परिवार के साथ यह देखने के लिए आ गया. मैं इतना कह सकता हूं कि मेरे बचपन की यादें ताजा हो गईं.
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