Madhya Pradesh Assembly Election 2023 : मध्यप्रदेश जैसे-जैसे चुनावी माहौल जोर पकड़ रहा है वैसे-वैसे आए दिन नई-नई घोषणाएं देखने को मिल रही हैं. हाल ही में कांग्रेस ने अपनी चुनावी घोषणाओं को वचन पत्र (Congress Vachan Patra) के जरिए प्रदेश की जनता के सामने परोसा है. अब कांग्रेस ने एक और वचन दोहराया है, पार्टी ने विधान परिषद गठन के लेकर सोशल मीडिया में अपनी बात रखी है.
कांग्रेस ने विधान परिषद को लेकर क्या लिखा?
मध्यप्रदेश कांग्रेस (MP Congress) ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि "प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही विधान परिषद के गठन का वचन दिया है. विधान परिषद के माध्यम से प्रदेश के बुद्धिजीवियों, समाजिक कार्यकर्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों को सेवा का अवसर प्राप्त होगा. “बढ़ाइये हाथ, फिर कमलनाथ”
कांग्रेस ने 2018 में भी किया था यह वादा
2018 विधानसभा चुनाव के पहले जब मध्यप्रदेश कांग्रेस की ओर से वचन पत्र जारी किया गया था, तब भी पार्टी यही वचन दिया था. कानून के जानकारों के अनुसार विधान परिषद के गठन के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है. मध्य प्रदेश से पास होने के बाद इस प्रस्ताव को संसद में भेजा जाता है.
विधान परिषद के बारे में ये भी जानिए
संविधान का अनुच्छेद 171 किसी राज्य में विधानसभा के अलावा एक विधान परिषद (MLC) के गठन का विकल्प भी प्रदान करता है. राज्यसभा की तरह विधानपरिषद के सदस्य सीधे मतदाताओं द्वारा निर्वाचित नहीं होते. राज्यसभा सांसद की ही तरह विधान परिषद सदस्य का कार्यकाल भी 6 वर्ष का होता है.
मध्य प्रदेश में विधानसभा सदस्यों की संख्या 230 है, अगर विधान परिषद का गठन होता है तो इसमें अधिकतम 76 सदस्य हो सकते हैं.