Madhya Pradesh News : सितम्बर में गुर्जर आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के मामले में दर्ज केस और गिरफ्तारियों के खिलाफ जेल भरो आंदोलन का आह्वान करने वाले भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण ( Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad Ravan) को भले ही पुलिस ने एमपी की सीमा (MP Border) में घुसते ही चम्बल से ही अपनी निगरानी में ले लिया था. लेकिन इस दौरान पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से मजबूर और बेबस नजर आया. पुलिस न तो उन्हें गिरफ्तार कर सकी और न ही उनके साथ घूम रहे UP के समाजवादी पार्टी के विधायक (Samajwadi Party MLA) अतुल प्रधान को जोकि 25 सितम्बर को हुए गुर्जर हिंसाकाण्ड में वांटेड हैं. इतना ही नहीं यह लोग उपद्रव के मामले में बन्द लोगों के परिजनों से भी मिले और फिर किला स्थित गुरुद्वारा भी गए. अंत में आराम से वापस लौट गए. इस बीच चुनिंदा मीडिया से बात करते हुए चंद्रशेखर ने गुर्जर नेता रामप्रीत पर एनएसए (NSA) लगाने पर नाराजगी भी जताई.
क्या बोले भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर?
वापस लौटने से पहले चुनिंदा पत्रकारों से बात करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि 25 सितम्बर को गुर्जर महाकुम्भ का आयोजन हुआ था. इसके बाद ज्ञापन देते समय कुछ विवाद हुआ. अगर पुलिस ने भीड़ को संभालने के लिए सही व्यवस्था की होती तो मुझे लगता है कि यह घटना नहीं होती. जब कोई घटना होती है तो उसके कोई न कोई कारण होते है.
चंद्रशेखर का आरोप है कि अनिल गुर्जर को इसलिये फंसाया गया, क्योंकि वे दिमनी से हमारे प्रत्याशी हैं. यहां से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. BJP और तोमर दोनों को पता है कि अनिल गुर्जर अगर वहां से आज़ाद समाज पार्टी से लड़ेंगे तो वे चुनाव नहीं जीत पाएंगे. अनिल ग्वालियर के कार्यक्रम में आये भी नहीं थे, फिर भी उनके खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया.
दलित-पिछड़ों की एकता से परेशान है BJP : चंद्रशेखर
चंद्रशेखर ने कहा कि इस अंचल में हमारी पार्टी ने जिस तरह से काम किया है और खासकर दलित-पिछड़ों के बीच जिस तरह की एकता बनी है उससे भाजपा परेशान है. इसलिए हमारे लोगों को वह टारगेट कर रही है. इसीलिये हमने कहा है कि अगर सरकार निर्दोष लोगों का दमन करेगी तो हम पीड़ितों का समर्थन करेंगे. यही वजह है कि हम जेल भरो आंदोलन में आये हैं.
कड़ी सुरक्षा के बावजूद 200 से ज्यादा ने दी गिरफ्तारी
जेल भरो आंदोलन के चलते पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए थे. चार हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए थे. इसके बावजूद दो सौ से ज्यादा लोगो को गिरफ्तार किया गया. सबसे ज़्यादा 123 गिरफ्तारी मेला मैदान में हुई. इनमें ज्यादातर 18 से 25 वर्ष के युवा थे.
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