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छत्तसीगढ़ के रुस्तम सारंग: पिता के कहने पर शुरू की वेटलिफ्टिंग
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छत्तीसगढ़ के वेटलिफ्टर रुस्तम सारंग ने भारत के लिए पांच बार पदक जीते हैं और 10 अलग-अलग टूर्नामेंट में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है.
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छत्तीसगढ़ के पहले राष्ट्रीय पदक विजेता रुस्तम सारंग की कहानी फिल्मी सी है. रुस्तम सारंग अपने पिता के चलते वेटलिफ्टिंग में आए थे.
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रुस्तम सारंग के पिता भी वेटलिफ्टर थे और उन्होंने अपने ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीतने का सपना देखा था.
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रुस्तम सारंग जब 12 साल के थे, तब उनके पिता ने उन्हें जिम में भेजने का फैसला लिया था. रुस्तम 6 से 9 बजे तक जिम में समय बिताते थे.
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रुस्तम सारंग ने 2004 के नेशनल गेम्स में सिल्वर जीता था. इसके बाद 2005 में एशियन गेम्स में मेडल जीता था.
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रुस्तम सारंग ने 2009 में मलेशिया में हुए कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था.
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रुस्तम सारंग ने इसके बाद साल 2011 और 2014 में वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था.
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रुस्तम सारंग को उनके योगदान के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से खेलों के लिए दिए जाने वाले तीनों बड़े सम्मान मिल चुके हैं.
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