Content Credit: Priya Sharma
करवा चौथ कब है? ऐसे सजाएं पूजा की थाली, जानिए पूजा शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय
हिंदू धर्म में करवा चौथ का व्रत का विशेष महत्व होता है.
सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं.
करवा चौथ पर निर्जला व्रत रखा जाता है.
इस बार करवा चौथ का व्रत शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को पड़ रहा है.
दरअसल, करवा चौथ का व्रत कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है.
कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर 2025 को रात 10:54 बजे आरंभ हो रहा है.
वहीं चतुर्थी तिथि की समाप्त- 10 अक्टूबर 2025 को शाम 07:38 बजे है.
ऐसे में करवा चौथ का व्रत शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को पड़ रहा है.
बता दें कि व्रत शाम को चंद्रमा को देखकर ही व्रत खोला जाता है.
इस बार करवाचौथ पर सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है.
इस दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में विराजमान रहेंगे.
करवा चौथ व्रत पर सिद्धि योग और कृत्तिका नक्षत्र बन रहा है.
सिद्धि योग प्रात:काल से लेकर शाम 05:41 बजे तक है.
करवा चौथ पर चंद्र दर्शन का विशेष महत्व होता है.
बता दें कि करवा चौथ के दिन 10 अक्टूबर को चांद रात 08:13 बजे निकलेगा.
चंद्र दर्शन के बाद ही व्रती महिलाएं व्रत खोलेगी.
करवा चौथ की पूजा के लिए ये सामग्री रखें-टोटीवाला करवा (मिट्टी या तांबे का ढक्कन वाला करवा), कलश, मौली, अक्षत, पान, अबीर, रोली, कुमकुम, गुलाल, चंदन, फूल, हल्दी, इत्र, नारियल, जनेऊ जोड़ा, शहद, कच्चा दूध, छलनी, कपूर, चावल, दही,दीपक, अगरबत्ती,
शक्कर का बूरा, मिठाई, देसी घी, गेहूं, करवा माता की तस्वीर, व्रत कथा की पुस्तक, लकड़ी का आसन, हलुआ, आठ पूरियों की अठावरी, दक्षिणा, 16 श्रृंगार आदि.
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