CONTENT Credit: Priya Sharma
 भारत-पाक तनाव: 8 मई की रात कौन रहे भारत के हीरो
          भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अब चरम स्थिति पर है. 
             
भारत के जबरदस्त प्रहार से पाकिस्तान की हेकड़ी निकल गई है.
             
भारतीय सेना ने 8 मई को पाकिस्तान के दो JF-17 और एक  F-16 फाइटर जेट को मार गिराया है.
             
साथ ही पाकिस्तान के लाहौर में एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS)  को ध्वस्त कर दिया. 
             
बता दें कि भारतीय सेना की सतर्कता और ताकतवर वायु रक्षा प्रणाली ने इस हमले को पूरी तरह नाकाम कर दिया.
             
इन हमलों को नाकाम करने में ताकतवर वायु रक्षा प्रणाली एल-70, एस-400,INS विक्रांत,ZSU-23-4 शिल्का, आकाश मिसाइल सिस्टम का योगदान रहा.
             
एल-70- भारतीय सेना की वायु डिफेंस यूनिट्स ने पाकिस्तान के 50 ड्रोन मार गिराए. यह कई खूबियों से लैस है.एक मिनट में विभिन्न डिग्री पर 240 से 300 राउंड तक फायर करती है. ये दुश्मन के एयरक्राफ्ट को आसानी से निशाना बना सकती है. 
             
एल-70 को बोफोर्स 40 मिमी स्वचालित तोप भी कहा जाता है और इसे स्वीडन की बोफोर्स कंपनी ने विकसित किया था.
             
S-400- पाकिस्तान की ओर से दागे गए दर्जनों मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया. इसका नाम 'सुदर्शन' रखा गया है. इसे भारत ने रूस से खरीदा है. 
             
S-400 टारगेट को अपने 91N6E 'Big Bird' रडार System से बहुत जल्दी ट्रैक कर लेता है और ये 600 किमी दूर तक के टारगेट पहचान सकता है. 
             
INS विक्रांत- अरब सागर में करवर तट के पास तैनात है, जो कराची पर जोरदार बमबारी की. बता दें कि भारत पाक के बीच हुए 1965 और 1971 के युद्ध में विक्रांत ने अपना दम दिखाया था. 
             
आईएनएस विक्रांत 262 मीटर लंबा, 62 मीटर चौड़ा और 59 मीटर ऊंचा है. यह 45 हजार टन वजनी है. इसकी लागत 20 हजार करोड़ रुपये है.
             
ZSU-23-4 शिल्का- ये ऑटोमेटिक सिस्टम है और यह प्रति मिनट 4,000 राउंड तक फायर कर सकता है. इसे सोवियत संघ में विकसित किया गया था और भारत ने 1970 के दशक में इसे खरीदा था. 
             
आकाश मिसाइल सिस्टम- इसने 8 मई को पाकिस्तानी JF-17 जेट को नष्ट किया. इसके अलावा ड्रोन और मिसाइलों को ट्रैक और नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
             
आकाश मिसाइल सिस्टम भारत द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित एक मध्यम दूरी की सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जिसे DRDO ने तैयार किया है. 
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