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Ganesh Chaturthi : घर में मूर्ति स्थापना से पहले जानें गणेश जी की सूंड का महत्व, बाईं या दाईं किस दिशा वाली मूर्ति है लाभदायक?
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देशभर में गणेश चतुर्थी का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. इस शुभ अवसर पर ज्यादातर लोग अपने घर पर गणपति लाते हैं.
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अक्सर घर में गणेश जी की मूर्ति की स्थापना से पहले यह सवाल सामने आता है कि किस तरफ सूंड वाले गणेश जी पूजनीय हैं, दाईं सूंड या बाईं सूंड? तो आइए जानते हैं.
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आमतौर पर दाएं हाथ की सूंड वाले गणेश जी को तंत्र विधि से पूजा जाता है. साथ ही दक्षिण दिशा में यमलोक है, जहां पाप-पुण्य का हिसाब रखा जाता है. इसलिए इसे अप्रिय माना जाता है.
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गणेश जी की दाईं सूंड में सूर्य का प्रभाव माना गया है. ऐसी मूर्ति का पूजन विघ्न-विनाश, शत्रु पराजय, विजय प्राप्ति जैसे कार्यों के लिए फलदायी माना जाता है.
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वहीं, बाई सूंड वाले गणेश जी विघ्न विनाशक कहलाते हैं, ऐसी मूर्ति की पूजा स्थायी कार्यों के लिए की जाती है. जैसे शिक्षा, धन प्राप्ति, उन्नति, विवाह और पारिवारिक खुशहाली.
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पूजा में अधिकतर बाईं सूंड वाली मूर्ति रखी जाती है. माना जाता है कि ऐसी मूर्ति से घर में खुशाली बनी रहती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
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