Content Credit: Priya Sharma

ब्रिटेन पहुंचने से पहले ये राजवंश था कोहिनूर का मालिक, कीमत इतनी कि पूरी दुनिया को ढाई दिनों तक खिला सकते थे खाना

गोलकुंडा के खदान से निकला था कोहिनूर, तब काकतिय राजवंश था इसका मालिक

तब कोहिनूर की कीमत इतनी थी कि पूरी दुनिया को ढाई दिनों तक खिला सकते थे खाना.


कोहिनूर कभी भारत की शान था पर अब इस पर इंग्लैंड का कब्जा


इंग्लैंड पहुंचने से पहले भारत में कई राजाओं और बादशाहों के दरबार की शान रहा


कोहिनूर जब भारत में था तो इसका मूल रूप लगभग 190.5 कैरेट का था, लेकिन अब ये लगभग 105.6 कैरेट  है.


इंग्लैंड पहुंचने से पहले इसे कई बार तराशा गया


कोहिनूर का सबसे पहले काकतिय राजवंश मालिक था.


उन्होंने इसे अपनी कुलदेवी भद्रकाली की बाई आंख में जड़वाया था.


14वीं शताब्दी में अलाउद्दीन खिलजी ने आक्रमण कर भद्रकाली की आंख से कोहिनूर निकाल लिया


इसके बाद ये कई मुगल बादशाहों के दरबार की शोभा बढ़ाता रहा


अंत में महाराजा रणजीत सिंह की मौत के बाद इस पर अंग्रेजों का कब्जा हो गया और फिर महारानी विक्टोरिया के पास पहुंचा

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